Sunday, September 19, 2010

ये ना थी हमारी किस्मत के विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता... !

तेरे वादे पर जिए हम तो ये झूठ जाना
के खुशी से मर ना जाते गर ऐतबार होता......!

1 comments:

sumit ranjan said...

nice post bro :)

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